बरेली में दस साल की बच्ची की हत्या कर शव कमरे में दफनाने के दोषी माता-पिता और बुआ को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार यादव ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों दोषियों पर 90 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मृतका की बुआ के बेटे ने अपनी मां और मामा-मामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी और गवाही भी दी।
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घटना 17 अगस्त 2020 को इज्जतनगर थाना क्षेत्र में हुई थी। सूरज (17) ने पुलिस को बताया कि वह बचपन से ही अपने मामा के घर रहता है। घटना वाले दिन उसके मामा रवि बाबू, मामी ऋतु उसकी मां राधा देवी एक कमरे में उसकी ममरी बहन काजल के शव को गड्ढा खोदकर उसमें दबा रहे थे। उसने काजल को गड्ढे में दबाने का कारण पूछा तो उसके मामा ने कहा कि काजल अचानक बेड के नीचे गिर गई और उसकी मौत हो गई है। इस वजह से उसे दबाया जा रहा है। उसे यह बात समझ नहीं आई और घटना के तीसरे दिन सूरज इज्जतनगर थाने पहुंचा और पुलिस को पूरी बात बताई।
उसके शिकायती पत्र के बाद पुलिस ने बच्ची के शव को कमरे के अंदर के गड्ढे से बरामद कर लिया। शव का पोस्टमार्टम कराया गया। जिसमें काजल के शरीर पर चोटों के निशान और कलाई की हड्डी दो जगह से टूटी हुई पाई गई। विवेचना में बात सामने आई कि किशोरी ने अवैध संबंधों को उजागर करने की धमकी दी थी। इस दौरान न्यायालय में कुल सात गवाह पेश किए गए। न्यायालय ने फुफेरे भाई के बयानों के आधार पर तीनों दोषियों को सजा सुनाई है।