बीएचयू: तमिल संगमम में जिसकी तारीफ मंत्री-गवर्नर ने की, उसमें प्रोफेसर ही नहीं; जानें- क्या है पूरा मामला

काशी-तमिल के सेतुबंध महाकवि सुब्रमण्यम भारती के नाम पर बनी पीठ को आज तक अपना मुखिया नहीं मिला, लेकिन संगमम में आए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और गर्वनर समेत कई मेहमान इस काम के लिए बीएचयू की पीठ थपथपा रहे हैं। 4 साल बाद भी इस पीठ पर कोई चेयर प्रोफेसर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। 

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चेयर प्रोफेसर पद के लिए दो-दो बार 10.60 लाख रुपये आवंटित भी किए गए। जबकि काशी तमिल संगमम 3.0 में आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और तमिलनाडु के गर्वनर आरएन रवि ने बीएचयू में सुब्रमण्यम भारती पीठ की जमकर तारीफ की। कहा कि बीएचयू के कला संकाय में स्थापित सुब्रमण्यम भारती चेयर के लिए बीएचयू के वीसी और सरकार की सोच को बधाई देता हूं। 

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नाम न छापने की शर्त पर कई प्रोफेसरों ने यूजीसी और बीएचयू से अनुरोध किया है कि इस पद को तत्काल भरा जाए। जिससे संगमम के उद्देश्श्यों का पूरा करते हुए भारती के लेखन का भारतीय और विश्व भाषाओं में अनुवाद करने का काम हो। भारती के दार्शनिक विचारों को हिंदी भाषा के संदर्भ में प्रस्तुत किया जा सके। 

मिली जानकारी के अनुसार, सुब्रमण्यम भारती चेयर प्रोफेसर के लिए आवंटित धनराशि से पांच शिक्षकों की संपादकीय टीम बना दी गई। इसी से भारती चेयर पर काम करने का आदेश जारी कर दिया गया। अब बीते दो साल से ये टीम ही चेयर प्रोफेसर का काम कर रही है। 

इस चेयर में एक सीट इंस्पेक्टर और एक कार्यालय सचिव पद भी भरा गया। तमिल छात्रों का मानना है कि चेयर प्रोफेसर के न होने से उत्तर और दक्षिण के साहित्यिक सेतु को नहीं बांध पाएंगे।

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