Farrukhabad: आजीवन कारावास की सजा काट रहे उन्नाव के कैदी की मौत, 1981 में की थी हत्या

सेंट्रल जेल में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी की मौत हो गई। वह चार भाइयों के साथ आठ साल से जेल में बंद था। कैदी ने उन्नाव में वर्ष 1981 में हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। सेंट्रल जेल में सजा काट रहे उन्नाव जिले के थाना औरास के गांव बवनखेड़ा निवासी संजीवन (81) को रविवार देर शाम लोहिया अस्पताल में अर्द्ध बेहोशी हालत में भर्ती कराया गया। यहां कुछ देर इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने शव मोर्चरी में रखवा दिया। जेल प्रशासन ने इसकी सूचना परिजनों को दी।

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सोमवार सुबह संजीवन के बड़े भाई प्यारेलाल के पुत्र सतगुरु शरण अन्य लोगों के साथ अस्पताल पहुंचे। सतगुरु शरण ने बताया कि गांव में वर्ष 1981 में हत्या हुई थी। इस मामले में अदालत ने वर्ष 2016 में पिता प्यारेलाल, चाचा संजीवन, राम सिंह, बालिस्टर और रज्जन लाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पांचों लोगों को 2017 में सेंट्रल जेल भेज दिया था। तभी से चाचा यहीं सजा काट रहे थे। कुछ दिन पहले ही वह मुलाकात करके गए थे।उस समय कोई खास बीमार नहीं थे। वह चाहते हैं कि चाचा का शव जेल में बंद अन्य भाइयों को भी दिखा दिया जाए।

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