Auraiya: एक साथ उठीं तीनों भाई-बहनों की अर्थी, गूंजती रहीं चीखें, मंदिर की छत ढहने से हुआ था हादसा

मढ़ामाछी झील इलाके में शनिवार को बेकाबू ट्रैक्टर की टक्कर से मंदिर की छत गिर गई थी। मलबे में दबने से तीन भाई-बहनों रौनक, कजरी और साक्षी की मौत हो गई थी। जबकि उनके पिता अजयपाल गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पोस्टमार्टम के बाद शनिवार रात को शव गांव लाए गए। रविवार को तीनों भाई-बहनों की अर्थी एक साथ घर से निकली तो घर में मां की चीखें गूंजती रहीं। मृतकों के चचेरे भाई ने गांव में ही तीनों का एक साथ ही अंतिम संस्कार किया। मढ़ामाछी झील क्षेत्र निवासी घायल अजयपाल (56) के बेटे रौनक (8), बेटी कजरी (12) का पोस्टमार्टम औरैया में करवाया गया। जबकि बेटी साक्षी (14) का पोस्टमार्टम इटावा में हुआ। देर रात को परिजन शव लेकर गांव पहुंचे। बेटे व दो बेटियों के शव देख मां उमा देवी व बहन छाया, भाभी शिल्पी गश खाकर गिर गईं। उमा देवी कहती रहीं कि एक हादसे ने उनका पूरा परिवार उजाड़ दिया।

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वहीं, हादसे के बाद चचेरा भाई दीपक (27) गुमसुम बैठा रहा। दीपक का कहना है कि मंदिर के पास मेला लगा था। वह पास में चने की मढ़ाई करने के लिए ट्रैक्टर चला रहा था। इसी बीच एक बच्चा पास में आ गया। उसे बचाने में ट्रैक्टर बेकाबू होकर मंदिर के पिलर से टकरा गया और मंदिर की छत ढह गई। ऐसे में वह हादसे के लिए खुद को जिम्मेदार मान रहा है।

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उधर, रविवार को परिजनों ने अपने खेत में गड्ढा खोदकर तीनों भाई-बहनों को एक साथ दफन कर अंतिम संस्कार किया। इस दौरान मौके पर मौजूद हर किसी की आंखें नम रही। इधर, तीन बच्चों का अंतिम संस्कार, उधर अस्पताल में भर्ती अजयपाल को लेकर पूरा परिवार बदहवास दिखा। मां उमा की हालत इस कदर बिगड़ गई कि एक डॉक्टर को बुलाकर उपचार कराया गया।

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